स्मतरंगिणी: Difference between revisions
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<p> देवता से अधिष्ठित एक शय्या । | <p> देवता से अधिष्ठित एक शय्या । गंधर्वदत्ता जीवंधरकुमार के पास इसी शय्या पर बैठकर आती-जाती थी । नंदाढ्य का जीवंधरकुमार से मिलाप भी गंधर्वदत्ता ने इसी शय्या के द्वारा कराया था । <span class="GRef"> महापुराण 75.431-436 </span></p> | ||
Revision as of 16:40, 19 August 2020
देवता से अधिष्ठित एक शय्या । गंधर्वदत्ता जीवंधरकुमार के पास इसी शय्या पर बैठकर आती-जाती थी । नंदाढ्य का जीवंधरकुमार से मिलाप भी गंधर्वदत्ता ने इसी शय्या के द्वारा कराया था । महापुराण 75.431-436