पिशाच: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 5: | Line 5: | ||
<ol> | <ol> | ||
<li><span class="HindiText"><strong name="1" id="1">पिशाचों के भेद</strong> </span><br /> | <li><span class="HindiText"><strong name="1" id="1">पिशाचों के भेद</strong> </span><br /> | ||
<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/6/48-49 </span><span class="PrakritText">कुंमुंडजक्खरक्खसससंमोहा तारआ य चोक्खक्खा। कालमहकाल चोक्खा सतालया देहमहदेहा। 48। तुण्हिअपवयणणामा....। 49।</span> = <span class="HindiText">कुष्मांड, यक्ष, राक्षस, संमोह, तारक, अशुचिनामक काल, महाकाल, शुचि, सतालक, देह, महादेह, तूष्णीक, और प्रवचन नामक, इस प्रकार ये चौदह पिशाचों के भेद हैं। 4849। (ति.सा./271-272)। </span></li> | |||
</ol> | </ol> | ||
Revision as of 13:01, 14 October 2020
- पिशाचों के वर्ण परिवार अवस्थानादि - देखें व्यंतर - 1.2।
- पिशाचों के भेद
तिलोयपण्णत्ति/6/48-49 कुंमुंडजक्खरक्खसससंमोहा तारआ य चोक्खक्खा। कालमहकाल चोक्खा सतालया देहमहदेहा। 48। तुण्हिअपवयणणामा....। 49। = कुष्मांड, यक्ष, राक्षस, संमोह, तारक, अशुचिनामक काल, महाकाल, शुचि, सतालक, देह, महादेह, तूष्णीक, और प्रवचन नामक, इस प्रकार ये चौदह पिशाचों के भेद हैं। 4849। (ति.सा./271-272)।
कायोत्सर्ग का एक अतिचार - देखें व्युत्सर्ग - 1।