अतिसेन: Difference between revisions
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<p> पुन्नाटगण के अग्रणी एक मुनि । ये षट्खंडागम के ज्ञाता और कर्म-प्रकृति श्रुत के धारक थे । जयसेन इनके गुरु थे । ये प्रसिद्ध वैयाकरण और सिद्धांत के मर्मज्ञ विद्वान् थे । इनकी आयु सौ वर्ष से अधिक थी । ये शास्त्रदानी थे । कीर्तिषेण मुनि इनके अग्रज थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.29-33 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पुन्नाटगण के अग्रणी एक मुनि । ये षट्खंडागम के ज्ञाता और कर्म-प्रकृति श्रुत के धारक थे । जयसेन इनके गुरु थे । ये प्रसिद्ध वैयाकरण और सिद्धांत के मर्मज्ञ विद्वान् थे । इनकी आयु सौ वर्ष से अधिक थी । ये शास्त्रदानी थे । कीर्तिषेण मुनि इनके अग्रज थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.29-33 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
पुन्नाटगण के अग्रणी एक मुनि । ये षट्खंडागम के ज्ञाता और कर्म-प्रकृति श्रुत के धारक थे । जयसेन इनके गुरु थे । ये प्रसिद्ध वैयाकरण और सिद्धांत के मर्मज्ञ विद्वान् थे । इनकी आयु सौ वर्ष से अधिक थी । ये शास्त्रदानी थे । कीर्तिषेण मुनि इनके अग्रज थे । हरिवंशपुराण 66.29-33