आत्मरक्ष: Difference between revisions
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<p> इंद्र के चालीस हजार अंग-रक्षक देव । ये देव तलवार ऊँची उठाये हुए इंद्र का वैभव प्रदर्शन करने के लिए इंद्र के चारों ओर घूमते रहते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 10. 190, 22.27, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 6.130 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> इंद्र के चालीस हजार अंग-रक्षक देव । ये देव तलवार ऊँची उठाये हुए इंद्र का वैभव प्रदर्शन करने के लिए इंद्र के चारों ओर घूमते रहते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 10. 190, 22.27, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 6.130 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
इंद्र के चालीस हजार अंग-रक्षक देव । ये देव तलवार ऊँची उठाये हुए इंद्र का वैभव प्रदर्शन करने के लिए इंद्र के चारों ओर घूमते रहते हैं । महापुराण 10. 190, 22.27, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.130