आत्मरक्ष
From जैनकोष
इंद्र के चालीस हजार अंग-रक्षक देव । ये देव तलवार ऊँची उठाये हुए इंद्र का वैभव प्रदर्शन करने के लिए इंद्र के चारों ओर घूमते रहते हैं । महापुराण 10. 190, 22.27, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.130
इंद्र के चालीस हजार अंग-रक्षक देव । ये देव तलवार ऊँची उठाये हुए इंद्र का वैभव प्रदर्शन करने के लिए इंद्र के चारों ओर घूमते रहते हैं । महापुराण 10. 190, 22.27, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.130