आनंदयशा: Difference between revisions
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<p> विदेहक्षेत्र में स्थित अशोकपुर नगर निवासी आनंद नामक वैश्य की पुत्री । मुनि को आहार देने के प्रभाव से मरकर यह उत्तरकुरु में उत्पन्न हुई थी । इसके बाद वह भवनवासियों के इंद्र की इंद्राणी हुई और वहाँ से चयकर यशस्वती हुई । नपु0 71.432-435 </p> | <div class="HindiText"> <p> विदेहक्षेत्र में स्थित अशोकपुर नगर निवासी आनंद नामक वैश्य की पुत्री । मुनि को आहार देने के प्रभाव से मरकर यह उत्तरकुरु में उत्पन्न हुई थी । इसके बाद वह भवनवासियों के इंद्र की इंद्राणी हुई और वहाँ से चयकर यशस्वती हुई । नपु0 71.432-435 </p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
विदेहक्षेत्र में स्थित अशोकपुर नगर निवासी आनंद नामक वैश्य की पुत्री । मुनि को आहार देने के प्रभाव से मरकर यह उत्तरकुरु में उत्पन्न हुई थी । इसके बाद वह भवनवासियों के इंद्र की इंद्राणी हुई और वहाँ से चयकर यशस्वती हुई । नपु0 71.432-435