आप्ताभास: Difference between revisions
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<p> आप्त से इतर मिथ्या देव । ऐसे देव आप्तंमन्य (अपने को आप्त मानने के अभिमान में चूर) होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24.125, 39. 13, 42.41 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> आप्त से इतर मिथ्या देव । ऐसे देव आप्तंमन्य (अपने को आप्त मानने के अभिमान में चूर) होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24.125, 39. 13, 42.41 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
आप्त से इतर मिथ्या देव । ऐसे देव आप्तंमन्य (अपने को आप्त मानने के अभिमान में चूर) होते हैं । महापुराण 24.125, 39. 13, 42.41