इंद्रावतार: Difference between revisions
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<p> गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में अड़तालीसवीं क्रिया । इस क्रिया में आयु के अंत में अर्हंतदेव का पूजन कर, मोक्षप्राप्ति की कामना के साथ इंद्र स्वर्ग से अवतरित होता है । <span class="GRef"> महापुराण 38. 55563, 214-216 </span>देखें [[ गर्भान्वय ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में अड़तालीसवीं क्रिया । इस क्रिया में आयु के अंत में अर्हंतदेव का पूजन कर, मोक्षप्राप्ति की कामना के साथ इंद्र स्वर्ग से अवतरित होता है । <span class="GRef"> महापुराण 38. 55563, 214-216 </span>देखें [[ गर्भान्वय ]]</p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
गर्भान्वयादि क्रियाओंमें से एक - देखें संस्कार - 2।
पुराणकोष से
गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में अड़तालीसवीं क्रिया । इस क्रिया में आयु के अंत में अर्हंतदेव का पूजन कर, मोक्षप्राप्ति की कामना के साथ इंद्र स्वर्ग से अवतरित होता है । महापुराण 38. 55563, 214-216 देखें गर्भान्वय