ज्ञानार्णव: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> | <p class="HindiText">आ.शुभचन्द्र (ई.१००३-११६८) द्वारा संस्कृत श्लोकों में रचित एक आध्यात्मिक व ध्यान विषयक ग्रन्थ है। इसमें ४२ प्रकरण है और कुल २५०० श्लोक प्रमाण है। इस ग्रन्थ पर निम्न टीकाए̐ लिखी गयीं–(१) आ.श्रुतसागर (ई.१४८१-१४९९) ने ‘तत्त्वत्रय प्रकाशिका’ टीका इसके गद्यभाग पर लिखी, जिसमें शिवतत्त्व, गरुडतत्त्व और कामतत्त्व इन तीनों तत्त्वों का वर्णन है।–(२) पं.जयचन्द छाबड़ा (ई.१८१२) कृत भाषा वचनिका।</p> | ||
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Revision as of 12:57, 14 March 2013
आ.शुभचन्द्र (ई.१००३-११६८) द्वारा संस्कृत श्लोकों में रचित एक आध्यात्मिक व ध्यान विषयक ग्रन्थ है। इसमें ४२ प्रकरण है और कुल २५०० श्लोक प्रमाण है। इस ग्रन्थ पर निम्न टीकाए̐ लिखी गयीं–(१) आ.श्रुतसागर (ई.१४८१-१४९९) ने ‘तत्त्वत्रय प्रकाशिका’ टीका इसके गद्यभाग पर लिखी, जिसमें शिवतत्त्व, गरुडतत्त्व और कामतत्त्व इन तीनों तत्त्वों का वर्णन है।–(२) पं.जयचन्द छाबड़ा (ई.१८१२) कृत भाषा वचनिका।
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