चारित्राचार: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
देखें [[ आचार ]]। | देखें [[ आचार ]]। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> तेरह प्रकार के चारित्र का पालन । यह ज्ञानाचार, दर्शनाचार, चारित्राचार, तपाचार और कर्माचार इन पाँच आचारों में तीसरा आचार है । चारित्राचार मे पांच समितियों, पांच महाव्रतों और तीन गुप्तियों रूप पालन आवश्यक होता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.173, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23. 57 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> तेरह प्रकार के चारित्र का पालन । यह ज्ञानाचार, दर्शनाचार, चारित्राचार, तपाचार और कर्माचार इन पाँच आचारों में तीसरा आचार है । चारित्राचार मे पांच समितियों, पांच महाव्रतों और तीन गुप्तियों रूप पालन आवश्यक होता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.173, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23. 57 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें आचार ।
पुराणकोष से
तेरह प्रकार के चारित्र का पालन । यह ज्ञानाचार, दर्शनाचार, चारित्राचार, तपाचार और कर्माचार इन पाँच आचारों में तीसरा आचार है । चारित्राचार मे पांच समितियों, पांच महाव्रतों और तीन गुप्तियों रूप पालन आवश्यक होता है । महापुराण 20.173, पांडवपुराण 23. 57