जटाचार्य: Difference between revisions
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<p> आदिपुराण के रचयिता जिनसेन के पूर्ववर्ती आचार्य । इन्होंने वरांगचरित की रचना की थी । इस काव्य मे कवि की उक्तियाँ जटिल होने पर भी वे काव्यार्थ को समझने मे बाधक नहीं है । इनका पूरा नाम जटासिंहनंदी है । <span class="GRef"> महापुराण 1.50 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> आदिपुराण के रचयिता जिनसेन के पूर्ववर्ती आचार्य । इन्होंने वरांगचरित की रचना की थी । इस काव्य मे कवि की उक्तियाँ जटिल होने पर भी वे काव्यार्थ को समझने मे बाधक नहीं है । इनका पूरा नाम जटासिंहनंदी है । <span class="GRef"> महापुराण 1.50 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
आदिपुराण के रचयिता जिनसेन के पूर्ववर्ती आचार्य । इन्होंने वरांगचरित की रचना की थी । इस काव्य मे कवि की उक्तियाँ जटिल होने पर भी वे काव्यार्थ को समझने मे बाधक नहीं है । इनका पूरा नाम जटासिंहनंदी है । महापुराण 1.50