जघन्यशातकुंभ
From जैनकोष
एक व्रत । इसमें उपवास और पारणाओं का क्रम निम्न प्रकार रहता है―
उपवास | पारणा |
---|---|
5 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
कुल 45 | 17 |
एक व्रत । इसमें उपवास और पारणाओं का क्रम निम्न प्रकार रहता है―
उपवास | पारणा |
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5 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
1 | 1 |
4 | 1 |
3 | 1 |
2 | 1 |
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कुल 45 | 17 |