रत्नोच्चय: Difference between revisions
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<p> रुचक पर्वत का उसकी वायव्य दिशा में विद्यमान एक कूट । यहाँ अपराजिता देवी रहती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.726 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> रुचक पर्वत का उसकी वायव्य दिशा में विद्यमान एक कूट । यहाँ अपराजिता देवी रहती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.726 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- सुमेरु पर्वत का अपरनाम−देखें सुमेरु ।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट−देखें लोक - 5.13 ।
पुराणकोष से
रुचक पर्वत का उसकी वायव्य दिशा में विद्यमान एक कूट । यहाँ अपराजिता देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.726