लोकनाडी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> लोक के मध्य में स्थित एक चौदह राजू ऊँची और एक राजू चौड़ी नाडी । त्रस जीवों के रहने से इसे त्रसनाडी भी कहते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 5.177, 48.16 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> लोक के मध्य में स्थित एक चौदह राजू ऊँची और एक राजू चौड़ी नाडी । त्रस जीवों के रहने से इसे त्रसनाडी भी कहते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 5.177, 48.16 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:57, 14 November 2020
लोक के मध्य में स्थित एक चौदह राजू ऊँची और एक राजू चौड़ी नाडी । त्रस जीवों के रहने से इसे त्रसनाडी भी कहते हैं । महापुराण 5.177, 48.16