विद्युन्माला: Difference between revisions
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पश्चिमी पुष्करार्ध का मेरु–देखें [[ लोक#7 | लोक - 7]]। | पश्चिमी पुष्करार्ध का मेरु–देखें [[ लोक#7 | लोक - 7]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के हरिवर्ष देश में स्थित वस्त्रालय नगर के राजा वज्रचाप और रानी सुभा की पुत्री । यह सिंहकेतु की पत्नी थी । <span class="GRef"> महापुराण 70.76-77 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के हरिवर्ष देश में स्थित वस्त्रालय नगर के राजा वज्रचाप और रानी सुभा की पुत्री । यह सिंहकेतु की पत्नी थी । <span class="GRef"> महापुराण 70.76-77 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र के पुष्कलावती देश के विजयार्ध पर स्थित त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्याघर बिंदु-गति की रानी । पार्श्वनाथ के पूर्वभव के जीव रश्मिवेग की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 73.25-27 </span></p> | <p id="2">(2) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र के पुष्कलावती देश के विजयार्ध पर स्थित त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्याघर बिंदु-गति की रानी । पार्श्वनाथ के पूर्वभव के जीव रश्मिवेग की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 73.25-27 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
पश्चिमी पुष्करार्ध का मेरु–देखें लोक - 7।
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र के हरिवर्ष देश में स्थित वस्त्रालय नगर के राजा वज्रचाप और रानी सुभा की पुत्री । यह सिंहकेतु की पत्नी थी । महापुराण 70.76-77
(2) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र के पुष्कलावती देश के विजयार्ध पर स्थित त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्याघर बिंदु-गति की रानी । पार्श्वनाथ के पूर्वभव के जीव रश्मिवेग की यह जननी थी । महापुराण 73.25-27