विमुचि: Difference between revisions
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<p> दारू ग्राम का एक बाह्मण । इसकी अनुकोशा भार्या तथा अतिभूति पुत्र था । मुनि होकर इसने धर्मध्यान पूर्वक मरण किया और यह ब्रह्म स्वर्ग में देव हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 30. 116, 122-125 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> दारू ग्राम का एक बाह्मण । इसकी अनुकोशा भार्या तथा अतिभूति पुत्र था । मुनि होकर इसने धर्मध्यान पूर्वक मरण किया और यह ब्रह्म स्वर्ग में देव हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 30. 116, 122-125 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
दारू ग्राम का एक बाह्मण । इसकी अनुकोशा भार्या तथा अतिभूति पुत्र था । मुनि होकर इसने धर्मध्यान पूर्वक मरण किया और यह ब्रह्म स्वर्ग में देव हुआ था । पद्मपुराण 30. 116, 122-125