विमुचि
From जैनकोष
दारू ग्राम का एक बाह्मण । इसकी अनुकोशा भार्या तथा अतिभूति पुत्र था । मुनि होकर इसने धर्मध्यान पूर्वक मरण किया और यह ब्रह्म स्वर्ग में देव हुआ था । पद्मपुराण - 30.116,पद्मपुराण - 30.122-125
दारू ग्राम का एक बाह्मण । इसकी अनुकोशा भार्या तथा अतिभूति पुत्र था । मुनि होकर इसने धर्मध्यान पूर्वक मरण किया और यह ब्रह्म स्वर्ग में देव हुआ था । पद्मपुराण - 30.116,पद्मपुराण - 30.122-125