व्रतप्रतिमा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> श्रावकधर्म और ग्यारह प्रतिमाओं में दूसरी प्रतिमा । इस प्रतिमा का धारी सती शल्य रहित होकर पाँच अणुव्रत, तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रत धारण करता है । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.37 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> श्रावकधर्म और ग्यारह प्रतिमाओं में दूसरी प्रतिमा । इस प्रतिमा का धारी सती शल्य रहित होकर पाँच अणुव्रत, तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रत धारण करता है । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.37 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:58, 14 November 2020
श्रावकधर्म और ग्यारह प्रतिमाओं में दूसरी प्रतिमा । इस प्रतिमा का धारी सती शल्य रहित होकर पाँच अणुव्रत, तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रत धारण करता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 18.37