सर्वावधिज्ञान: Difference between revisions
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<p> अवधिज्ञान के तीन भेदों में दूसरा भेद । यह परमावधिज्ञान होने के पूर्व होता है । ये ज्ञान देश प्रत्यक्ष होते हैं तथा पुद्गल द्रव्य को विषय करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 36.147, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.152 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अवधिज्ञान के तीन भेदों में दूसरा भेद । यह परमावधिज्ञान होने के पूर्व होता है । ये ज्ञान देश प्रत्यक्ष होते हैं तथा पुद्गल द्रव्य को विषय करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 36.147, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.152 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
अवधिज्ञान के तीन भेदों में दूसरा भेद । यह परमावधिज्ञान होने के पूर्व होता है । ये ज्ञान देश प्रत्यक्ष होते हैं तथा पुद्गल द्रव्य को विषय करते हैं । महापुराण 36.147, हरिवंशपुराण 10.152