संधि: Difference between revisions
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== सिद्धांतकोष से == | | ||
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<p class="HindiText">2. औदारिक शरीर में संधियों का प्रमाण - देखें [[ औदारिक#1.7 | औदारिक - 1.7]]।</p> | <p class="HindiText">2. औदारिक शरीर में संधियों का प्रमाण - देखें [[ औदारिक#1.7 | औदारिक - 1.7]]।</p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> राजा के छ: गुणो में प्रथम गुण । युद्ध करने वाले दो राजाओं में मैत्री भाव हो जाना संधि कहलाती है । इसके दो भेद हैं—सावधि (अवधि सहित) और निरवधि (अवधि रहित) । <span class="GRef"> महापुराण 68. 66-68 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> राजा के छ: गुणो में प्रथम गुण । युद्ध करने वाले दो राजाओं में मैत्री भाव हो जाना संधि कहलाती है । इसके दो भेद हैं—सावधि (अवधि सहित) और निरवधि (अवधि रहित) । <span class="GRef"> महापुराण 68. 66-68 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
1. एक ग्रह - देखें ग्रह ।
2. औदारिक शरीर में संधियों का प्रमाण - देखें औदारिक - 1.7।
पुराणकोष से
राजा के छ: गुणो में प्रथम गुण । युद्ध करने वाले दो राजाओं में मैत्री भाव हो जाना संधि कहलाती है । इसके दो भेद हैं—सावधि (अवधि सहित) और निरवधि (अवधि रहित) । महापुराण 68. 66-68