हृदयधर्मा: Difference between revisions
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<p> सुग्रीव की तीसरी पुत्री । यह और इसकी बड़ी बहिन हृदयावली दोनों राम के गुणों को सुनकर स्वयं वरण की इच्छा से उनके पास आयी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 47.136-137 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सुग्रीव की तीसरी पुत्री । यह और इसकी बड़ी बहिन हृदयावली दोनों राम के गुणों को सुनकर स्वयं वरण की इच्छा से उनके पास आयी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 47.136-137 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
सुग्रीव की तीसरी पुत्री । यह और इसकी बड़ी बहिन हृदयावली दोनों राम के गुणों को सुनकर स्वयं वरण की इच्छा से उनके पास आयी थी । पद्मपुराण 47.136-137