कुबेरदत्त: Difference between revisions
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< | <span class="HindiText"> (1) चंपा नगरी का निवासी एक सेठ और कनकमाला का पति । इन दोनों की पुत्री कनकश्री अंतिम केवली जंबूस्वामी को दी गयी थी । <span class="GRef"> महापुराण 76. 46-50 </span></br><span class="HindiText">(2) मगध देश के सुप्रतिष्ठ नगर के निवासी श्रेष्ठी सागरदत्त और उसकी भार्या प्रभाकरी का छोटा पुत्र और नागसेन का अनुज । पिता की मृत्यु के पश्चात् भाई को संपत्ति का उचित भाग देकर इसने अपनी संपत्ति से अनेक चैत्य-चैत्यालय बनवाये और चतुर्विध दान दिया था । यह मुनिराज सागरसेन का भक्त था । <span class="GRef"> महापुराण 76. 216-293 </span></br><span class="HindiText">(3) इक्ष्वाकुवंश में हुए शासकों में वसंततिलक का पुत्र और कीर्तिमान् का पिता । <span class="GRef"> पद्मपुराण 22.156-159 </span></br><span class="HindiText">(4) कुमार वसुदेव का मित्र । यह महापुर का सेठ था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 24.50 </span></br><span class="HindiText">(5) जंबूद्वीप के विदेह क्षेत्र की पुंडरीकिणी नगरी का एक वणिक् । उसकी स्त्री अनंतमति से श्रीमती का जीव केशव धनदेव नाम का पुत्र हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 11.14 </span> | ||
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Revision as of 16:01, 27 July 2022
(1) चंपा नगरी का निवासी एक सेठ और कनकमाला का पति । इन दोनों की पुत्री कनकश्री अंतिम केवली जंबूस्वामी को दी गयी थी । महापुराण 76. 46-50
(2) मगध देश के सुप्रतिष्ठ नगर के निवासी श्रेष्ठी सागरदत्त और उसकी भार्या प्रभाकरी का छोटा पुत्र और नागसेन का अनुज । पिता की मृत्यु के पश्चात् भाई को संपत्ति का उचित भाग देकर इसने अपनी संपत्ति से अनेक चैत्य-चैत्यालय बनवाये और चतुर्विध दान दिया था । यह मुनिराज सागरसेन का भक्त था । महापुराण 76. 216-293
(3) इक्ष्वाकुवंश में हुए शासकों में वसंततिलक का पुत्र और कीर्तिमान् का पिता । पद्मपुराण 22.156-159
(4) कुमार वसुदेव का मित्र । यह महापुर का सेठ था । हरिवंशपुराण 24.50
(5) जंबूद्वीप के विदेह क्षेत्र की पुंडरीकिणी नगरी का एक वणिक् । उसकी स्त्री अनंतमति से श्रीमती का जीव केशव धनदेव नाम का पुत्र हुआ । महापुराण 11.14