कुलकोटि: Difference between revisions
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< | <span class="HindiText">जीवों के कुल । ये पृथिवीकायिक जीवों के बाईस लाख, जलकायिक और वायुकायिक के अट्ठाईस लाख, दो इंद्रिय जीवों के सात लाख, तीन इंद्रिय जीवों के आठ लाख, चार इंद्रिय जीवों के नौ लाख, जलचर जीवों के साढ़े बारह लाख, पक्षियों के बारह लाख, चौपायों के दस लाख, छाती से सरकने वालों के नो लाख, मनुष्यों के चौदह लाख, नारकियों के पचीस लाख और देवों के छब्बीस लाख होते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.56,59-62 </span> | ||
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Revision as of 23:54, 27 July 2022
जीवों के कुल । ये पृथिवीकायिक जीवों के बाईस लाख, जलकायिक और वायुकायिक के अट्ठाईस लाख, दो इंद्रिय जीवों के सात लाख, तीन इंद्रिय जीवों के आठ लाख, चार इंद्रिय जीवों के नौ लाख, जलचर जीवों के साढ़े बारह लाख, पक्षियों के बारह लाख, चौपायों के दस लाख, छाती से सरकने वालों के नो लाख, मनुष्यों के चौदह लाख, नारकियों के पचीस लाख और देवों के छब्बीस लाख होते हैं । हरिवंशपुराण 18.56,59-62