इंद्रत्याग: Difference between revisions
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<p>गर्भान्वयादि क्रियाओंमें-से एक - देखें [[ संस्कार#2 | संस्कार - 2]] | <p>गर्भान्वयादि क्रियाओंमें-से एक - देखें [[ संस्कार#2.1 | संस्कार - 2.1]] </p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> | <div class="HindiText"> <p> स्वर्ग के राज्य को छोड़ने की इंद्र की क्रिया । स्वर्ग में अपनी आयु की स्थिति थोड़ी रह जाने पर पृथ्वी पर अपनी द्युति का समय निकट जानकर स्वर्ग-भोगों के प्रति अपनी उदासीनता दिखाते हुए इंद्र देवों से कहता है कि वह भावी इंद्र के लिए अपना स्वर्ग साम्राज्य अर्पित करता है । <span class="GRef"> महापुराण 38.203-213 </span></p> | ||
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Revision as of 13:13, 1 September 2022
सिद्धांतकोष से
गर्भान्वयादि क्रियाओंमें-से एक - देखें संस्कार - 2.1
पुराणकोष से
स्वर्ग के राज्य को छोड़ने की इंद्र की क्रिया । स्वर्ग में अपनी आयु की स्थिति थोड़ी रह जाने पर पृथ्वी पर अपनी द्युति का समय निकट जानकर स्वर्ग-भोगों के प्रति अपनी उदासीनता दिखाते हुए इंद्र देवों से कहता है कि वह भावी इंद्र के लिए अपना स्वर्ग साम्राज्य अर्पित करता है । महापुराण 38.203-213