पद्मपुराण/सर्व/श्लोक
इंद्रजीत रावण के पुत्र थे(8/154) रावण की मृत्यु पर विरक्त हो उन्होंने दीक्षा धारण कर ली। (78/81-82) तथा मुक्ति को प्राप्त किया (80/128)।
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