म्हे तौ थांका चरणां लागां
From जैनकोष
(राग-कालिंगड़ो परज धीमो तेतालो)
म्हे तौ थांका चरणां लागां, आन भाव की परणति त्यागां ।।म्हे. ।।टेक ।।
और देव सेया दुख पाया, थे पाया छौ अब बड़भागां ।।१ ।।म्हे. ।।
एक अरज म्हांकी सुण जगपति, मोह नींदसौं अबकै जागां ।
निज सुभाव थिरता बुधि दीजे, और कछु म्हे नाहीं मांगा ।।२ ।।म्हे. ।।