विनीता
From जैनकोष
जंबूद्वीपस्थ भरतक्षेत्र के आर्यखंड में कौशल देश की नगरी अयोध्या । प्रजा के विनयगुण के कारण यह इस नाम से विख्यात थी । इसका अपर नाम साकेत था । तीर्थंकर वृषभदेव, अनंतनाथ, चक्रवर्ती भरतेश और सगर, आठवें बलभद्र और नारायण की यह जन्मभूमि है । यह नगरी नौ योजन चौड़ी तथा बारह योजन लंबी है । महापुराण 12.76-78, 34.1 पद्मपुराण - 20.36-37, 50, 128-129, 218-222, हरिवंशपुराण 9.42, 11.56, पांडवपुराण 2.246, वीरवर्द्धमान चरित्र 2.59