घाट-
From जैनकोष
वंशा नामक दूसरी पृथ्वी के ग्यारह इन्द्रक बिलों में एक इन्द्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ अट्ठाईस और विदिशाओं में एक सौ चौबीस कुल दो सौ बावन श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.78-79, 109
वंशा नामक दूसरी पृथ्वी के ग्यारह इन्द्रक बिलों में एक इन्द्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ अट्ठाईस और विदिशाओं में एक सौ चौबीस कुल दो सौ बावन श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.78-79, 109