वैराग्यभावना
From जैनकोष
वैराग्य की कारणभूत भावनाएँ । इनसे पुरुष मोह को प्राप्त नहीं होता । वह ध्यान में स्थिर बना रहता है । जगत और शरीर के स्वरूप का बार-बार चिन्तन करने तथा विषयों में अनासक्त रहने से वैराग्य में स्थिरता आती है । महापुराण 21. 95, 99