लोकपंक्ति
From जैनकोष
यो.सा./अ./8/20 आराधनाय लोकानां मलिनेनांतरात्मना । क्रियते या क्रिया बालैर्लोकपंक्तिरसौ मता ।20। = अंतरात्मा के मलिन होने से मूर्ख लोग जो लोक को रंजायमान करने के लिए क्रिया करते हैं उसे लोकपंक्ति कहते हैं ।
यो.सा./अ./8/20 आराधनाय लोकानां मलिनेनांतरात्मना । क्रियते या क्रिया बालैर्लोकपंक्तिरसौ मता ।20। = अंतरात्मा के मलिन होने से मूर्ख लोग जो लोक को रंजायमान करने के लिए क्रिया करते हैं उसे लोकपंक्ति कहते हैं ।