अचलस्तोक
From जैनकोष
(महापुराण सर्ग संख्या ५८/श्लोक) पूर्व भव नं. ३ में भरतक्षेत्र महापुर नगरका राजा वायुरथ। ८०।, पूर्व भव नं. २ में प्राणतेन्द्र। ८२। वर्तमान भव - यह द्वितीय बलदेव हैं। अपर नाम अचल - देखे शलाका पुरुष ३।
(महापुराण सर्ग संख्या ५८/श्लोक) पूर्व भव नं. ३ में भरतक्षेत्र महापुर नगरका राजा वायुरथ। ८०।, पूर्व भव नं. २ में प्राणतेन्द्र। ८२। वर्तमान भव - यह द्वितीय बलदेव हैं। अपर नाम अचल - देखे शलाका पुरुष ३।