षड्रसी-व्रत
From जैनकोष
उत्कृष्ट 24 वर्ष, मध्यम 12 वर्ष व जघन्य 1 वर्ष में ज्येष्ठ कृ.1 से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक - कृ.1 को उपवास, 2-15 तक एकाशन; शु.1 को उपवास, 2-15 तक एकाशन करे। 'ओं ह्रीं श्री वृषभजिनाय नम:' इस मंत्र का त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./43)।