निश्चय
From जैनकोष
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/93/118/31 परमार्थस्य विशेषेण संशयादिरहितत्वेन निश्चय:। =परमार्थ का विशेष रूप से तथा संशयादि रहित अवधारण निश्चय है।
द्रव्यसंग्रह टीका/41/164/11 श्रद्धानं रुचिर्निश्चय इदमेतेत्थमेवेति निश्चयबुद्धि: सम्यग्दर्शनम् । =श्रद्धान, रुचि, निश्चय अर्थात् यह इसप्रकार ही है ऐसी निश्चय बुद्धि सम्यग्दर्शन है।