रत्नोच्चय
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- सुमेरु पर्वत का अपरनाम−देखें सुमेरु ।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट−देखें लोक - 5.13 ।
पुराणकोष से
रुचक पर्वत का उसकी वायव्य दिशा में विद्यमान एक कूट । यहाँ अपराजिता देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.726
रुचक पर्वत का उसकी वायव्य दिशा में विद्यमान एक कूट । यहाँ अपराजिता देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.726