रुद्रवसंत व्रत
From जैनकोष
क्रमशः 2,3,4,5,6,6,4,3,2 इस प्रकार 35 उपवास करे। बीच के (,) वाले स्थानों में सर्वत्र एक पारणा। नमस्कार मंत्र की त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./पृ. 67)।
क्रमशः 2,3,4,5,6,6,4,3,2 इस प्रकार 35 उपवास करे। बीच के (,) वाले स्थानों में सर्वत्र एक पारणा। नमस्कार मंत्र की त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./पृ. 67)।