वड्ढमाणचरिउ
From जैनकोष
कवि श्रीधर (वि. श. 12 का उत्तरार्ध) कृत 10 संधियों वाला अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/142)।
कवि श्रीधर (वि. श. 12 का उत्तरार्ध) कृत 10 संधियों वाला अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/142)।