सिद्धिक्षेत्र
From जैनकोष
सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र रूप उपाय से प्राप्य एक मुक्त जीवों का स्थान । हरिवंशपुराण 3. 66-67
सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र रूप उपाय से प्राप्य एक मुक्त जीवों का स्थान । हरिवंशपुराण 3. 66-67