आत्मयज्ञ
From जैनकोष
क्रोधाग्नि, कामाग्नि और उदराग्नि का, वैराग्य और अनशन की आहुतियों से शमन करना । वनवासी ऋषि, यति, मुनि और द्विज इस यज्ञ से मुक्ति को प्राप्त होते हैं । महापुराण 67.202-203
क्रोधाग्नि, कामाग्नि और उदराग्नि का, वैराग्य और अनशन की आहुतियों से शमन करना । वनवासी ऋषि, यति, मुनि और द्विज इस यज्ञ से मुक्ति को प्राप्त होते हैं । महापुराण 67.202-203