विनयदत्त
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
मूलसंघ की पट्टावली के अनुसार आप लोहाचार्य के पश्चात् एक पूर्वधारी थे। समय-बी.नि.565-585 (ई.38-58)। -विशेष देखें इतिहास - 4.3।
पुराणकोष से
(1) एक मुनि । कीचक ने पूर्वभव में इन्हीं मुनि को दिये गये आहारदान का माहात्म्य देखकर दीक्षा की था तथा मरकर स्वर्ग गया था । हरिवंशपुराण 46.55
(2) एक श्रावक । राजा श्रीवर्धित को राजा सिंहेंदु के नगर में आने की सूचना इसी ने दी थी । पद्मपुराण - 80.184-185