दिगंबर
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- अचेल मुद्रा का उपासक जिन प्रणीतमार्ग।
- मूल दि.साधु संघ (देखें इतिहास - 5,1)
- श्वेतांबर मान्य नवीन उत्पत्ति–देखें श्वेतांबर ।
पुराणकोष से
निर्ग्रंथ मुनि । ये उद्दिष्ट आहार के त्यागी, तृष्णारहित, जितेंद्रिय, शरीर की स्थिति मात्र के लिए मौन पूर्वक आहारग्राही, धर्माचरणी, देह से निस्पृही और प्राणियो पर दया करने वाले होते हैं । पद्मपुराण - 4.91-100