संयोगाधिकरण
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें अधिकरण ।
पुराणकोष से
अजीवाधिकरण आसव का एक भेद । यह दो प्रकार का होता है― भक्तपानसंयोग और उपकरणसंयोग । इनमें भोजनपान को अन्य भोजन तथा पान में मिलाना भक्तपान-संयोग है और बिना विवेक के उपकरणों का परस्पर मिलाना उपकरण-संयोग है । हरिवंशपुराण - 58.84,हरिवंशपुराण - 58.86, 89