स्थापना सत्य
From जैनकोष
भगवती आराधना/1193/1189 जणवदसंमदिठवणा णामे रूवे पडुच्चववहारे। संभावणववहारे भावेणोपम्मसच्चेण।1193। जनपद, सम्मति, स्थापना, नाम, रूप, प्रतीति, संभावना, व्यवहार, भाव और उपमासत्य ऐसे सत्य के 10 भेद हैं। (मू.आ./308); ( गोम्मटसार जीवकांड/222 )।
राजवार्तिक/1/20/12/75/20 दशविध: सत्यसद्भाव: नामरूपस्थापनाप्रतीत्य-संवृति-संयोजना-जनपद-देशभाव-समयसत्यभेदेन। =सत्य के दश भेद हैं - नाम, रूप, स्थापना, प्रतीति, संवृति, संयोजना, जनपद, देश, भाव और समयसत्य। ( धवला 1/1,1,2/117/6 ); ( धवला 9/4,1,45/218/1 )।
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