अजितंजय
From जैनकोष
हरिवंश पुराण सर्ग ६०/४९२ त्रिलोकसार गाथा संख्या ८५५-८५६ आगम में इस राजा को धर्म का संस्थापक माना गया है। जबकि कल्कि के अत्याचारों से धर्म व साधुसंघ प्रायः नष्ट हो चुका था तब कल्कि का पुत्र अजितंजय मगध देश का राजा हुआ था जिसने अत्याचारों से सन्तप्त प्रजा को सान्त्वना देकर पुनः संघ व धर्म की वृद्धि की थी। समय वी. नि. १०४०; ई. ५१४।