नरसेन
From जैनकोष
सिद्धचक्क कहा वड्ढमाण कहा, श्रीपाल चरित आदि के रचयिता एक अपभ्रंश कवि गृहस्थ। समय–वि.श.१४ का मध्य। (ती./४/२२३)।
सिद्धचक्क कहा वड्ढमाण कहा, श्रीपाल चरित आदि के रचयिता एक अपभ्रंश कवि गृहस्थ। समय–वि.श.१४ का मध्य। (ती./४/२२३)।