पूर्णघन
From जैनकोष
प.पु./५/श्लोक विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी में चक्रवाल नगर का विद्याधर राजा था। राजा सुलोचन के द्वारा अपनी पुत्री इसको न देकर सगर चक्रवर्ती को दिये जाने पर, इसने राजा सुलोचन को मार दिया। (७७-८०) और स्वयं उसके पुत्र द्वारा मारा गया (८६)। इसी के पुत्र मेघवाहन को राक्षसों के इन्द्र द्वारा राक्षस द्वीप की प्राप्ति हुई थी, जिसकी सन्तानपरम्परा से राक्षसवंश की उत्पत्ति हुई - ( देखें - इतिहास / ७ / १२ )।