सन्मतिसूत्र
From जैनकोष
आचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.६२५) द्वारा रचित तत्त्वार्थ विषयक संस्कृत भाषाबद्ध ग्रन्थ। यह दिगम्बर व श्वेताम्बर दोनों को मान्य है। दिगम्बराचार्यों ने अपने ग्रन्थों में उसकी
गाथाएँ अपनी बात की पुष्टि के अर्थ प्रमाण रूप से उद्धृत की हैं‒यथा क.पा.१/१-२०/गा.१३४-१४४/३५१-३६०। इस पर श्वेताम्बराचार्य श्री अभयदेव सूरि (ई.श.१०) ने एक टीका लिखी है। (ती./२/२१२)।