सुप्रभ
From जैनकोष
- कुण्डल पर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १२ ;
- दक्षिणधृतवर द्वीप का रक्षक देव- देखें - व्यंतर / ४ / ७ ।
- उत्तर अरुणीवर द्वीप का रक्षक देव- देखें - व्यंतर / ४ / ७ ।
- पूर्वभव नं.२ में पूर्व विदेह के नन्दन नगर में महाबल नामक राजा था। पूर्व भव में सहस्रार स्वर्ग में देव हुआ। वर्तमान भव में चौथे बलदेव थे। (म.पु./६०/५८-६३)। विशेष परिचय- देखें - शलाका पुरुष / ३ ।