सौमनस
From जैनकोष
(1) रुचकगिरि की पश्चिम दिशा का छठा कूट । यहाँ दिक्कुमारी नवमिका देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.713
(2) सोमनस्य पर्वत का दूसरा कूट । हरिवंशपुराण 5.212, 221
(3) सुमेरु पर्वत का तीसरा वन । यह नन्दनवन के समान है तथा नन्दनवन से साढ़े बासठ हजार योजन ऊपर स्थित है । महापुराण 5.183, पद्मपुराण 6.135, हरिवंशपुराण 5.295, 308, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.113-114
(4) भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत की उत्तर श्रेणी का साठवाँ नगर । हरिवंशपुराण 22.92
(5) भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड का एक नगर । यहाँ तीर्थंकर सुमतिनाथ की प्रथम पारणा हुई थी । महापुराण 51.72
(6) विदेहक्षेत्र में विद्यमान एक गजदन्त पर्वत । महापुराण 63.205