स्वयंप्रभ
From जैनकोष
- भाविकालीन चौथे तीर्थंकर- देखें - तीर्थंकर / ५ ।
- म.पु./सर्ग/श्लोक ऐशान स्वर्ग का एक देव था। (९/१८६) यह श्रेयांस राजा का पूर्व का छठा भव है।-देखें - श्रेयांस।
- सुमेरु पर्वत का अपर नाम-देखें - सुमेरु।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १३ ।