अतिसेन
From जैनकोष
पुन्नाटगण के अग्रणी एक मुनि । ये षट्खण्डागम के ज्ञाता और कर्म-प्रकृति श्रुत के धारक थे । जयसेन इनके गुरु थे । ये प्रसिद्ध वैयाकरण और सिद्धान्त के मर्मज्ञ विद्वान् थे । इनकी आयु सौ वर्ष से अधिक थी । ये शास्त्रदानी थे । कीर्तिषेण मुनि इनके अग्रज थे । हरिवंशपुराण 66.29-33